NEET UG 2025: ऑनलाइन मोड में हो सकती है परीक्षा, सरकार कर रही है विचार-विमर्श
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET UG) 2025 से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। खबरों के अनुसार, NEET UG परीक्षा को पेन-पेपर मोड की बजाय ऑनलाइन मोड में आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय इस बदलाव के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के साथ चर्चा कर रहे हैं।
क्या है प्रस्तावित बदलाव?
अब तक NEET UG 2025 परीक्षा पारंपरिक पेन-पेपर मोड में आयोजित होती रही है, लेकिन 2025 से इसे ऑनलाइन (कंप्यूटर आधारित) मोड में कराने का प्रस्ताव है। यह कदम देशभर में मेडिकल परीक्षा की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सरल और समयानुकूल बनाने के उद्देश्य से उठाया जा सकता है।
ऑनलाइन मोड के फायदे
तेजी और सटीकता: कंप्यूटर आधारित परीक्षा में परिणाम तेजी से तैयार किए जा सकते हैं।
पारदर्शिता: डिजिटल मोड में मानवीय त्रुटियों की संभावना कम होती है।
लॉजिस्टिक्स में सुधार: परीक्षा केंद्रों पर पेपर लीक और अन्य समस्याओं की आशंका को कम किया जा सकता है।
कैंडिडेट फ्रेंडली: ऑनलाइन परीक्षा छात्रों को अपनी उत्तर पुस्तिका को आसानी से चेक करने और सुधारने का मौका देती है।
चुनौतियां भी हैं मौजूद
हालांकि, इस बदलाव को लागू करना आसान नहीं होगा।
तकनीकी ढांचा: पूरे देश में ऑनलाइन परीक्षा के लिए जरूरी कंप्यूटर और इंटरनेट सुविधाओं को उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती है।
ग्रामीण छात्रों की समस्या: ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों के छात्रों के लिए ऑनलाइन परीक्षा में बैठना कठिन हो सकता है।अ
भ्यर्थियों की तैयारी: अब तक के छात्र पेन-पेपर मोड के लिए तैयार थे। उन्हें ऑनलाइन मोड के लिए प्रशिक्षित करना होगा।
अधिकारियों की राय
NTA के अधिकारियों का कहना है कि ऑनलाइन मोड को अपनाने से पहले छात्रों और अभिभावकों के बीच जागरूकता फैलाने और उन्हें नई प्रणाली के लिए तैयार करने पर जोर दिया जाएगा। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परीक्षा प्रक्रिया निष्पक्ष और सभी के लिए सुगम हो।
छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
इस खबर के बाद छात्रों और अभिभावकों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहां कुछ लोग इसे स्वागत योग्य कदम मान रहे हैं, वहीं कई लोग इस बदलाव के प्रभावों को लेकर चिंतित हैं।
निष्कर्ष
NEET UG 2025 परीक्षा का ऑनलाइन मोड में आयोजन एक बड़ी और क्रांतिकारी पहल साबित हो सकती है। हालांकि, इसे लागू करने से पहले सरकार को तकनीकी और सामाजिक पहलुओं पर ध्यान देना होगा। शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालयों की चर्चा का परिणाम आने वाले महीनों में स्पष्ट हो सकता है।
(नोट: यह खबर उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार की गई है। अंतिम निर्णय सरकार की आधिकारिक घोषणा पर निर्भर करेगा।)